1
बीते शनिवार को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के तटीय शहर ग्वादर के एक पांच सितारा होटल पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया. इस हमले में पाकिस्तानी सेना के एक जवान सहित पांच लोगों की जान चली गयी. इस हमले के दौरान आतंकियों का निशाना होटल में रुके चीनी नागरिक थे, जिन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया. इस हमले की जिम्मेदारी अलगाववादी संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी यानी बीएलए ने ली है. बीएलए पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में सक्रिय एक अलगाववादी संगठन है. यह दशकों से एक अलग देश की मांग कर रहा है.
2
बीएलए द्वारा बीते नौ महीनों में चीन के नागरिकों और उसकी परियोजना से जुड़े लोगों को निशाना बनाकर किया गया यह पांचवां बड़ा हमला है. अलगाववादी संगठनों द्वारा चीन का विरोध किए जाने की बड़ी वजह चीन द्वारा बलूचिस्तान में किया जा रहा भारी निवेश है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का सबसे अहम हिस्सा ग्वादर बंदरगाह बलूचिस्तान में ही आता है. इस वजह से चीन इस क्षेत्र में गलियारे के अलावा भी कई विशेष परियोजनाओं पर काम कर रहा है.
3
जानकार बताते हैं कि चीन के इतने बड़े निवेश के बाद बलूचिस्तान के लोगों को बड़े पैमाने पर यहां रोजगार आदि की उम्मीद जगी थी. लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. चीनी प्रोजेक्ट्स में मैनपॉवर से लेकर मटीरियल और मशीनरी तक सब चीन के ही इस्तेमाल हो रहे हैं. प्रोजेक्ट्स सेजुड़े कॉन्ट्रैक्ट भी चीनी ठेकेदारों को ही दिए जा रहे हैं. स्थानीय लोग गलियारे के लिए जमीनों के अधिग्रहण और मुआवजे को लेकर भी काफी नाराज हैं.
4
इसके अलावा बलूचिस्तान के लोगों को लगता है कि चीनी परियोजना की वजह से यहां जो हो रहा है वह बलूच समुदाय के लिए बड़ी तबाही जैसा होगा. इससे न सिर्फ वे प्राकृतिक संसाधनोंकी प्रचुरता वाली अपनी जमीन खो देंगे बल्कि बाहरी लोगों के बड़ी संख्या में यहां बसने से अपनी पहचान भी खो सकते हैं. यही वजह है कि बलूचिस्तान के अलगाववादी संगठन चीन के खिलाफ हो गए हैं.
5
जानकार बताते हैं कि पाकिस्तान और चीन के लिए अलगाववादी संगठनों का खतरा लगातार बड़ा होता जा रहा है? बीएलए और उसके सहयोगी संगठन पहले काफी छोटे हमले किया करते थे. लेकिन अब देखने में आया है कि ये न केवल आत्मघाती हमलों को अंजाम दे रहे हैं बल्कि इनका हर हमला पहले से बड़ा होता जा रहा है.