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लोकसभा चुनावों के नतीजे आने के तुरंत बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह घोषणा कर दी कि वे अध्यक्ष पद छोड़ रहे हैं. इसके बाद बीते डेढ़ महीने से लगातार कांग्रेस के तमाम छोटे-बड़े नेता उन्हें इस बात के लिए मनाने में लगे हैं कि वे पार्टी की कमान संभाले रहें. लेकिन पिछले दिनों राहुल गांधी की तरफ से साफ संकेद दे दिया गया कि वे अपने फैसला बदलने वाले नहीं हैं. इसके बाद से पार्टी में नए अध्यक्ष के लिए कई नामों पर चर्चा चल रही है. उम्मीदवारों की इस लिस्ट में अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, केसी वेणुगोपाल, अमरिंदर सिंह, एके एंटनी और सुशील कुमार शिंदे के नाम शामिल हैं.
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इस फेहरिश्त में सभी को हैरान करने वाला भी एक नाम शामिल है और यह नाम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार का है. पिछले कुछ समय से यह चर्चा चल रही है कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी का विलय कांग्रेस में हो सकता है.
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शरद पवार की राजनीति कांग्रेस से ही शुरू हुई थी लेकिन तकरीबन दो दशक पहले सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा उठाने की वजह से उन्हें कांग्रेस से बाहर होना पड़ा था. उस वक्त उनके साथ कांग्रेस से पीए संगमा और तारिक अनवर भी निकले थे. पीए संगमा अब इस दुनिया में नहीं हैं और तारिक अनवर वापस कांग्रेस में आ गए हैं. इसके बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि शरद पवार भी पार्टी सहित कांग्रेस में वापस आ सकते हैं.
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लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद राहुल गांधी कुछ गिने-चुने नेताओं से ही मिले थे. वहीं, शरद पवार से मिलने वे उनके घर भी गए थे. इस मुलाकात को भी एनसीपी के कांग्रेस में विलय की संभावना से जोड़कर देखा जा रहा है.
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एनसीपी अलग पार्टी भले ही रही हो लेकिन केंद्र और महाराष्ट्र की सरकार में वह हमेशा कांग्रेस के साथ ही रही है. कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन में शरद पवार केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं. इसलिए वैचारिक स्तर पर दोनों दलों में समानता अक्सर दिखती रही है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि अगर दोनों पार्टियों के शीर्ष नेता सहमत हो जाएं तो विलय में कोई खास दिक्कत नहीं है. इसी आधार पर कहा जा रहा है कि अगर यह विलय होता है तो शरद पवार कांग्रेस अध्यक्ष बनने की दौड़ में बेहद प्रमुखता से शामिल हो जाएंगे.