इस असंतोष को शांत करने के लिए केंद्र सरकार और भाजपा क्या कर रहे हैं?
केंद्र सरकार का कहना है कि मूलनिवासियों को इस विधेयक से आशंकित होने की जरूरत नहीं है. उसके मुताबिक संविधान के अनुच्छेद 371 और असम समझौते की धारा छह के जरिये मूल निवासियों के राजनीतिक अधिकारों और सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखा जा सकता है. इनमें उनके लिए संसद और विधानसभा में सीटें आरक्षित करने जैसे प्रावधान हैं.
(द टाइम्स ऑफ इंडिया की इस रिपोर्ट पर आधारित)