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पहली और सबसे मजबूत संभावना यह है कि एग्जिट पोल के आंकड़े एकदम सही ठहरते हैं और एनडीए 300 से ज्यादा सीटें लेकर आती है. ऐसे में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में दोबारा एनडीए की सरकार बनती है.
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दूसरी संभावना कहती है कि भाजपा अकेले 272 का आंकड़ा पार करती है. एनडीए के सहयोगी दल इसे और मजबूत करते हैं और नरेंद्र मोदी फिर प्रधानमंत्री बनते हैं. ऐसा होना तभी संभव है जब बीजेपी उत्तर प्रदेश में ज्यादा सीटें नहीं गंवाती है और उत्तर-पूर्व, दक्षिण सहित पश्चिम बंगाल, उड़ीसा जैसे राज्यों में भी शानदार प्रदर्शन करती है.
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तीसरी संभावना यह है कि एनडीए 272 के आंकड़े से जरा ही पीछे रह जाती है और इस कमी को पूरा करने के लिए अलायंस में टीआरएस, वायएसआरसी और बीजेडी जैसे कुछ नए साझेदारों को शामिल किया जाता है. यहां पर भी नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनते दिखते हैं.
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चौथी और अपेक्षाकृत कमजोर संभावना यह है कि एनडीए बहुमत से बहुत पीछे रह जाती है. एनडीए को कई और बाहरी दलों का समर्थन मिलता है. ऐसा होने पर नरेंद्र मोदी के अलावा राजनाथ सिंह या नितिन गड़करी के भी प्रधानमंत्री बनने के मौके आ सकते हैं.
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पांचवी संभावना कहती है कि कांग्रेस एक ठीक-ठाक आंकड़े तक पहुंचती है और महागठबंधन और बाकी दल उसका साथ देते हैं. ऐसे में कोई ऐसा चेहरा प्रधानमंत्री बन सकता है जिसके बारे में अभी अंदाजा भी ना लगाया जा सकता हो. लेकिन ऐसा होने की चांसेज सबसे कम हैं.
द प्रिंट की रिपोर्ट पर आधारित