1
भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व पार्टी की दिल्ली प्रदेश इकाई से खफा है. इस नाराजगी की वजह लोकसभा चुनावों के लिए दिल्ली प्रदेश भाजपा की ओर से भेजी गई एक सूची है. भाजपा के बड़े नेताओं को लगता है कि दिल्ली प्रदेश के जिन नेताओं पर संगठन की अहम जिम्मेदारियां हैं, उन्होंने इस सूची में अपने नाम ही भेज दिए हैं.
2
इस सूची के संसदीय बोर्ड में पहुंचते ही बोर्ड के तकरीबन हर सदस्य ने इस पर नाराजगी जताई थी. दरअसल सूची में दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिए प्रदेश भाजपा ने 21 नाम भेजे थे. पार्टी के बड़े नेता इस बात से खासे नाराज हुए कि लोकसभा चुनावों के प्रबंधन के लिए 19 सदस्यों की जो समिति बनाई गई है, उसके 15 लोगों के नाम इस सूची में हैं. इसके अलावा पार्टी के तीन प्रदेश महासचिवों का नाम इसमें है. साथ ही कुछ प्रभारियों के नाम भी शामिल हैं.
3
पार्टी के बड़े नेता इसलिए नाराज हुए कि चुनावों के प्रबंधन के लिए जो सांगठनिक व्यवस्था उन लोगों ने बनाई है, उसके अधिकांश लोग चुनाव लड़ना चाहते हैं. ऐसे में अगर इस सूची में से लोगों को टिकट मिलता है तो चुनाव प्रबंधन के लिए फिर से व्यवस्था करनी पड़ेगी. दूसरी समस्या यह है कि जिन लोगों को टिकट नहीं मिलेगा, वे टिकट मिलने वालों के खिलाफ अंदर ही अंदर काम कर सकते हैं जिससे अंततः पार्टी को ही नुकसान होगा.
4
संसदीय बोर्ड की बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली भी खासे नाराज थे. बताया जा रहा है कि उनकी नाराजगी की असली वजह उम्मीदवारों की सूची में गौतम गंभीर का नाम नहीं होना है.
5
संसदीय बोर्ड में सूची को लेकर नाराजगी इतनी बढ़ गई कि प्रदेश इकाई को फिर से नई सूची भेजने को कहा गया है. बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को अधिकृत किया गया कि नई सूची आने के बाद अंतिम निर्णय वे अपने स्तर पर लें.