मोदी सरकार पर सोची-समझी नीति के तहत मनरेगा को खत्म करने का आरोप
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी योजना मनरेगा को सोची-समझी नीति के तहत खत्म करने का आरोप लगा है. अमर उजाला की खबर के मुताबिक 90 सांसदों के साथ 250 बुद्धिजीवियों ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र में प्रधानमंत्री से इस योजना को मजबूत बनाने और ग्रामीण इलाकों के वर्तमान संकट से निपटने के उपायों में शामिल करने की अपील की है. बताया जाता है कि मनरेगा के लिए साल 2018-19 के बजट में जितनी रकम का प्रावधान किया गया था, उसका 99 फीसदी हिस्सा दिसंबर, 2018 में ही खत्म हो चुका है. बाकी वक्त के लिए सिर्फ एक फीसदी हिस्सा बचा होने के चलते योजना खत्म होने के कगार पर पहुंच गई है.